उत्कृष्ट — श्रेष्ठ , अच्छा , उत्तम , उम्दा , उन्नत , बढ़िया। उत्कोच — रिश्वत , घूस। उत्पत्ति — प्रादुर्भाव , जन्म , व्युत्पति , पैदाइश , सृष्टि , शुरुआत , उद्गम , आरंभ , उद्भव , प्रारंभ , ... |
8 нояб. 2022 г. · वर्ण पेशों(रोजगार) का वर्गीकरण है । यह न अच्छा है न बुरा । वर्ण कुल तीन है-ब्राह्मण(बुद्धिजीवी), क्षत्रिय(शौर्यजीवी) और वैश्य(श्रमजीवी) । समान महत्त्व का होने से इन्हें सवर्ण(समान वर्ण) कहा गया ... |
कोर्नियों में विभिन्न वर्ग सदा अपने वर्ग में ही विवाह करते हैं। किंतु मध्यम वर्ग के व्यक्ति दास वर्ग की स्त्रियों से विवाह कर लेते हैं। कैरोलिन में दासों के अतिरिक्त उच्च और निम्न दो वर्ग हैं। निम्न वर्ग का व्यक्ति यदि उच्च वर्ग ... Не найдено: पर्यायवाची | Нужно включить: पर्यायवाची |
श्रेष्ठ - जो बहुत अच्छा हो। श्रेष्ठ का अर्थ उदाहरण, पर्यायवाची ... अर्थ : पद, मर्यादा, स्थिति के विचार से जो पहले से अथवा अपने वर्ग के अन्य सदस्यों से बहुत आगे बढ़ा हुआ हो। उदाहरण : यहाँ उन्नत जातियाँ अपना वर्चस्व बनाई हुई ... |
श्रेष्ठ ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ श्रेष्ठा] १. सर्वोत्तम । उत्कृष्ट । बहुत अच्छा । २. मुख्य । प्रधान । प्रथम । ३. पूज्य । बड़ा । ४. बृद्ध । ज्येष्ठ । ५. कल्याण भाजन । ६. प्रियतम । अत्यंत प्रिय (को॰) । Не найдено: अपने वर्ग जाति |
5 июн. 2023 г. · कुछ मानव के पर्यायवाची शब्द हैं: व्यक्ति, पुरुष, आदमी, मनुष्य, नर, नागरिक, इंसान, जन, बन्दा, भागीदार, देशभक्त, संतान, जाति, सदस्य, नागरिक, प्राणी, इंद्रिय, मानुष, व्यक्तित्व, मानवता, मानवीयता आदि। Не найдено: श्रेष्ठ | Нужно включить: श्रेष्ठ |
17 апр. 2023 г. · ब्राह्मण अपने ज्ञान, त्याग, सेवा और स्वाभिमान के लिए जीता है और इन्ही गुणों से समझौता करने पर ब्राह्मणत्व क्षीण हो जाता है. निम्न कुल, अधर्मी, अपराधी से दान लेने वाला ब्राह्मण भी निम्न कोटि में पहुँच जाता ... |
चार वर्ण जाति न होकर मनुष्य की चार श्रेणियां हैं, जो पूरी तरह उसकी योग्यता पर आधारित है। प्रथम ब्राह्मण, द्वितीय क्षत्रिय, तृतीय वैश्य और चतुर्थ शूद्र। वर्तमान संदर्भ में भी यदि हम देखें तो शासन-प्रशासन को संचालन के लिए लोगों को ... |
यह पुस्तक. उन विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है, जो तृतीय भाषा के रूप में हिंदी का अध्ययन. करते हैं । इस पुस्तक की मदद से वे आसानी से बोलना, लिखना और पढ़ना सीख. सकेंगे, ऐसा हमारा विश्वास है । हम पुस्तक को ... |
अत: जनजातियों को परिभाषित करने में केवल संस्कृति को ही आधार – तत्व मानना एकांगीपन कहा जायेगा। इसके लिए हमें संस्कृति के अतिरिक्त भौगोलिक, भाषिक तथा राजनितिक अवस्थाओं को भी ध्यान में रखना आवश्यक होगा। विभिन्न विद्वानों ने जनजाति शब्द के ... |
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