जल संभर प्रबंधन से तात्पर्य, मुख्य रूप से, धरातलीय और भौम जल संसाधनों के दक्ष प्रबंधन से है। इसके अंतर्गत बहते जल को रोकना और विभिन्न विधियों, जैसे– तालाब, कुओं आदि के द्वारा भौम जल का संचयन और पुनर्भरण शामिल हैं। |
जल संभर प्रबंधन जल संरक्षण एवं मिट्टी का संरक्षण है ताकि जैव-मात्रा उत्पादन में वृद्धि हो सके। इसका उद्देश्य जल एवं भूमि के प्राथमिक स्रोतों का विकास, द्वितीय संसाधन पौधों एवं जन्तुओं का उत्पादन इस प्रकार करना जिससे पारिस्थितिक ... |
2 июл. 2021 г. · जल-संभर प्रबंधन का संबंध, मुख्य रूप से धरातलीय तथा भौमजल संसाधनों के कुशल व दक्ष प्रबंधन से है। इसके अंतर्गत बहते वर्षा जल को विभिन्न विधियों द्वारा रोककर अंत:स्रवण, तालाब, ... |
इसमें मिट्टी एवं जल के संक्षारण पर जोर दिया जाता है. ताकि 'जैव मात्रा' उत्पादन में वृद्धि हो सके. |
2 февр. 2023 г. · विस्तृत अर्थ में जल संभर प्रबन्धन के अन्तर्गत सभी प्राकृतिक (जैसे-भूमि, जल, पौधे तथा प्राणियों) और जल संभर सहित मानवीय संसाधनों के संरक्षण, पुरुत्पादन और विवेकपूर्ण उपयोग को सम्मिलित किया जाता है। जल ... |
इस. प्रकार, संभर को सीमा से बंधे उस क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जहां से. वर्षा का जल किसी सामान्य निकासी स्थान या नाली के माध्यम से बाहर निकलता है । अगली इकाई में जलसंभर प्रबंधन की भूमिका, इसके घटकों, मुख्य ... |
विज्ञान. Q.36: जल संभर प्रबंधन का प्रमुख उद्देश्य क्या है? उत्तर : जल संभर प्रबंधन में मिट्टी एवं जल संरक्षण पर जोर दिया जाता है ताकि 'जैव-मात्रा' उत्पादन में वृद्धि हो सके। |
5 июн. 2020 г. · क्या है जल संभरण? · जल संभरण (Watershed) भूमि का वह क्षेत्र होता है जिसका समस्त अपवाहित जल एक ही बिंदु से होकर गुजरता है। · इस क्षेत्र में गिरने वाला जल एक नदी या उसकी कई सहायक नदियों के माध्यम ... |
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