भाव · विभाव या निर्धारक तत्व · अनुभाव · स्थायी भाव · संचारी भाव · सात्विक भाव. |
14 нояб. 2024 г. · रस नौ प्रकार के होते हैं – वात्सल्य रस को दसवाँ एवं भक्ति रस को ग्यारहवाँ रस भी माना गया है, वत्सलता तथा भक्ति इनके स्थायी भाव हैं। भरतमुनी ने केवल रस के आठ प्रकार का वर्णन किया है। |
5 сент. 2021 г. · रस के चार अवयव (अंग) हैं- (i) स्थायीभाव (ii) संचारी भाव (iii) विभाव और (iv) अनुभाव। (i) स्थायीभाव – जो भाव मानव हृदय में स्थायी रूप से रहते हैं, उन्हें स्थायी भाव कहते हैं। |
रस (काव्य शास्त्र) ... श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनन्द प्राप्त होता है, वही काव्य में रस कहलाता है। रस के जिस भाव से यह अनुभूति होती है कि वह रस है, स्थायी भाव होता है। |
27 окт. 2021 г. · मनोविज्ञान अनुसार भाव दो प्रकार के है।सुख और दुख। एक अन्य तथस्ट भाव भी है।राग मूल आधार है सुख का व द्वेष आधार है दुख भाव का। वह जो राग-द्वेष से निर्लिप्त है तथस्ट भाव में स्थापित हो कर आत्म ज्ञान ... |
संवेदना जागृत होती है अर्थात् भाव के जो कारण होते हैं, उन्हें विभाव कहते हैं। विभाव दो प्रकार के होते हैं- आलंबन और. उद्दीपन । CS Scanned with CamScanner. Page 2. खंड 'ख' रस. 69. (i) आलंबन विभाव. |
इस प्रकार संचरण करते रहने के कारण ही इन्हें. 'संचारी' या 'व्यभिचारी भाव की संज्ञा दी गई हैं। संचारी भाव 33 हैं-. अमर्ष, अपस्मृति, अवहित्था, असूया, आलस्य, आवेग, उत्सुकता,. उन्माद ... |
1. स्थायी भाव- सहृदय के हृदय में जो भाव स्थायी रूप से निवास करते हैं, · स्थायी भाव कहलाते हैं। इन्हें अनुकूल या प्रतिकूल किसी प्रकार के भाव दबा नहीं पाते। स्थायी भाव नौ हैं। · रति, हास, शोक, उत्साह, क्रोध, भय, जुगुप्सा (घृणा), विस्मय ... |
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