राजनीति में देख लो, ऐसे बैल हज़ार। खाकर पैसा देश का, लेते नहीं डकार।। राजनीति में आ गये, करते थे जो जाप। दिया न इनको वोट तो, दे देंगे ये श्राप।। राजनीति. Read more hindi poetry, hindi shayari, ... |
राजनीति ने रच दिया , ऐसा दुष्कर जाल । जो भी मुर्गा बांग दे , उसका होय हलाल ।।-1 खुशबू सच्चे प्रेम की, बिखर रही इस गाँव । नही पड़े लगता यहाँ, --राजनीति. Read more hindi poetry, hindi shayari, ... |
राजनीति मानवीय अंतर्क्रिया. में निहित संघर्षों और सहयोगों का मिश्रण है। लेनिन ने इसे अर्थशास्त्र की सघनतम अभिव्यक्ति के रूप में देखा था और कई अन्य विद्वानों और विचारकों ने इसे अलग-अलग अवधारणात्मक आधार प्रदान किया है। |
21 сент. 2013 г. · कबीर के लेटेस्ट राजनीतिक दोहे ** ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये ! #सोनिया जब भाषण दे, सारी जनता सोये !! पंछी करे न चाकरी, अजगर करे न काम ! बुश ने खोदा गड्ढा, निकल पड़ा सद्दाम !! |
राजनीति के दोहे. कलयुग कैसा आया भईया. राजनीति बनी व्यापार. भाई भाई में मेल नहीं. कुर्सी पहला प्यार. दल बदल की राजनीति. दल दल की सरकार. सब नेता के ख़्वाब में. कुर्सी और कार. शेर बकरी एक घाट पर. सांप नेवला संग. |
17 мая 2014 г. · अस्सी सावन जी चुके, जाए न पद को मोह। चश्मा पहने ले रहे, राजनीति की टोह।। |
दोनों हाथों से लूटकर, अलगाववादी बन गए अमीर। उनके मंच से हटते ही, चैन की सांस ले रहा कश्मीर।।1।। |
सत्ता में नेताओं को, मिलती इसकी छूट ।। राजनीति अब हो गयी, एक नया व्यापार । घर उनके भरते वहाँ, कष्टों का अम्बार ।। जनता को उलझा रखो ... Не найдено: व्यंगात्मक | Нужно включить: व्यंगात्मक |
11 июл. 2013 г. · देश में फल-फूल रहा, सट्टे का बाजार,. कुछ लोगो के बिक रहे,देखो सब घर बार |. सट्टा गर सरकार का, नियमो में वह वैध. जनता गर सट्टा करे, उसको कहे अवैध |. राजनीति व्यवसाय है,दीमक जैसी चाट. |
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