राष्ट्रीय आंदोलन के उदारवादी युग 1885 से 1905 के बारे में बताइए - Axtarish в Google
2 сент. 2024 г. · जैसा की हम जानते हैं, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का उदारवादी चरण 1885 से 1905 तक था। · शुरुआती दौर में दादाभाई नौरोजी, डब्ल्यू.सी. बनर्जी, डी.ई. · नरमपंथी निष्पक्षता, न्याय और सत्यनिष्ठा की ब्रिटिश भावना में ...
31 янв. 2020 г. · भारतीय इतिहास में 1885 से 1905 ई. तक का चरण उदारवादी चरण के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस चरण में आंदोलन का नेतृत्व मुख्यत: उदारवादी नेताओं के हाथों में रहा। ये नेता उदारवादी नीतियों तथा अहिंसक विरोध ...
आंदोलन के इतिहास को अध्ययन की सुविधा. के लिए तीन चरणों में बाँटा जा सकता है. 11) प्रथम चरण : उदारवादी युग (1885-1905). २) द्वितीय चरण : उग्रवादी युग (1905-19). 3) तृतीय चरण : गाँधी युग (1919-47).
उदारवादी नेता गोपालकृष्ण गोखले. द्वारा सर्वप्रथम 1905 ई. में बनारस मे स्वशासन की मांग रखी गई थी। बाद में 1906 ई. में कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में दादाभाई नौरोजी ने इसकी स्पष्ट व्याख्या की ...
27 авг. 2024 г. · सही उत्तर मध्यम चरण है। 1885-1905 (कुछ मामलों में 1885-1907) की अवधि को भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के पहले या शुरुआती चरण के रूप में माना जाता है; इसे मध्यम चरण के रूप में भी जाना जाता है।
इन्हीं उदारवादी नेताओं ने 1885 ई. से 1905 ई. तक कांग्रेस का मार्गदर्शन किया। इसलिए भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास में इस काल को उदारवादी युग कहा जाता है। ... राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने वार्षिक अधिवेशनों में विभिन्न विषयों ...
31 окт. 2021 г. · उदारवादी युग 1885-1905 (Moderate Period)-1885-1905 तक भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अर्थात् कांग्रेस पर पूरी तरह से उदारवादियों का प्रभाव रहा. इस काल में कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले नेता ब्रिटिश ...
31 янв. 2020 г. · भारतीय इतिहास में 1885 से 1905 ई. तक का चरण उदारवादी चरण के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस चरण में आंदोलन का नेतृत्व मुख्यत: उदारवादी नेताओं के हाथों में रहा। ये नेता उदारवादी नीतियों तथा अहिंसक विरोध ...
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