श्रृंगार रस को दर्शाने वाले नौ रंग हैं हरा (श्रृंगार), सफेद (हास्य), ग्रे (करुणा), लाल (रौद्र), नारंगी (वीरा), काला (भयानक), नीला (भीभत्स्य), पीला (अद्बुथा) और सफेद ( शांता). श्रृंगार रस के कितने भेद होते हैं उदाहरण सहित बताइए ... |
14 нояб. 2024 г. · नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस की अवस्था को पहुँचकर आस्वादन के योग्य हो जाता है तो वह 'शृंगार रस' कहलाता है। दूलह श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुन्दर मन्दिर माहीं। गावति गीत ... |
6 янв. 2023 г. · Answer: परिभाषा- जब पति-पत्नी / प्रेमी-प्रेमिका / नायक-नायिका के मन में स्थाई भाव रति जागृत होकर आस्वादन के योग्य हो जाता है, तो इसे शृंगार रस कहा जाता है। शृंगार रस में प्रेम का वर्णन होता है। |
16 апр. 2023 г. · श्रृंगार रस में नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति जब रस के अवस्था में पहुंच जाता है तो वह श्रृंगार रस कहलाता है। इसके अंतर्गत वसंत ऋतु, सौंदर्य, प्रकृति, सुंदर वन, पक्षियों श्रृंगार रस के ... |
5 июн. 2019 г. · आिाय् धनंजय के अनुसार रस की पररभाषा. चवभाव, अनुभाव, साबतक, साचहत भाव और वचभिारी भावों के संयोग से आसादमान सथायी भाव ही रस है। साचहत दप्रकार आिाय् चववनाथ ने रस की पररभाषा देते हए चलखा है:. |
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