20 янв. 2022 г. · संचारी भाव : संचारी भाव से तात्पर्य हृदय के उन भावों से होता है जो स्थाई भाव के साथ कुछ समय के लिए उत्पन्न होते रहते हैं। ऐसे संचारी भाव अल्पकालीन होते हैं जो कभी किसी स्थाई भाव के साथ उत्पन्न होते हैं तो ... |
27 окт. 2021 г. · स्थायी भाव प्रधान मानसिक प्रक्रिया होती है. इन भावो के साथ कुछ ऐसे भी भाव उत्पन्न होते है. जो स्थायी भाव के साथ मन में संचारित करते है. इन भावो को संचारी भाव कहा जाता है. संचारी भाव को व्यभिचारी भी कहा जाता ... |
संचारी' का अर्थ है संचरण करने वाले। आलम्बन और उद्दीपन की. उपस्थिति से आश्रम के हृदय में होने वाली हलचल अनेक गावों को. जन्म देती है। वे भाव जल के ... |
10 янв. 2020 г. · आश्रय के मन में उत्पन्न होने वालेअस्थिर मनोविकारों को संचारी भाव या व्यभिचारी भाव कहते हैं। → संचारी भाव की मुख्य रूप से संख्या 33 है। Explanation: उदाहरण → नायिका द्वारा बार-बार हार को उतारना तथा पहनना। |
रस की और वस्तु या विचार का नेतृत्व करते हे उसे संचारी भाव कहते हे। ... कहलाता है और जब कोई दूसरों को हंसाता है तो परस्थ कहलाता है। |
15 апр. 2021 г. · संचारी भाव कहलाता है: · वह भाव जो केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं | · जो भाव सदैव के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप ... |
शृंगार रस का परिचय है - विभाव, अनुभाव, संचारी भाव के संयोग से पति-पत्नी का या प्रेमी-प्रेमिका का रति स्थायी भाव शृंगार रस कहलाता है। · शृंगार रस के भेद है- संयोग और वियोग · वियोग शृंगार के भेद है - पूर्वराग, मान, प्रवास, अभिशाप ( ... |
25 февр. 2021 г. · व्यभिचारी या संचारी भाव :- वह भाव जो स्थायी भाव की ओर चलते है, जिससे स्थायी भाव रस का रूप धारण कर लेवे। · इसे यो भी कह सकते हैं जो भाव रस के उप कारक होकर पानी के बुलबुलों और तरंगों की भांति उठते और ... |
Answer: संचारी भाव - आश्रय के चित्त में जल्दी-जल्दी बनने और बिगड़ने वाले भाव को संचारी भाव कहते हैं। इनकी संख्या 33 मानी गई है। शंका, आवेश, मोह, जड़ता आदि संचारी भाव है। ❮ Previous Next ❯ ... |
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