संचारी भाव की परिभाषा - Axtarish в Google
10 янв. 2020 г. · आश्रय के मन में उत्पन्न होने वालेअस्थिर मनोविकारों को संचारी भाव या व्यभिचारी भाव कहते हैं। → संचारी भाव की मुख्य रूप से संख्या 33 है।
27 окт. 2021 г. · स्थायी भाव प्रधान मानसिक प्रक्रिया होती है. इन भावो के साथ कुछ ऐसे भी भाव उत्पन्न होते है. जो स्थायी भाव के साथ मन में संचारित करते है. इन भावो को संचारी भाव कहा जाता है. संचारी भाव को व्यभिचारी भी कहा जाता ...
20 янв. 2022 г. · संचारी भाव : संचारी भाव से तात्पर्य हृदय के उन भावों से होता है जो स्थाई भाव के साथ कुछ समय के लिए उत्पन्न होते रहते हैं। ऐसे संचारी भाव अल्पकालीन होते हैं जो कभी किसी स्थाई भाव के साथ उत्पन्न होते हैं तो ...
संचारी' का अर्थ है संचरण करने वाले। आलम्बन और उद्दीपन की. उपस्थिति से आश्रम के हृदय में होने वाली हलचल अनेक गावों को. जन्म देती है। वे भाव जल के ...
Продолжительность: 3:13
Опубликовано: 16 мар. 2021 г.
शृंगार रस का परिचय है - विभाव, अनुभाव, संचारी भाव के संयोग से पति-पत्नी का या प्रेमी-प्रेमिका का रति स्थायी भाव शृंगार रस कहलाता है। · शृंगार रस के भेद है- संयोग और वियोग · वियोग शृंगार के भेद है - पूर्वराग, मान, प्रवास, अभिशाप ( ...
यह भाव शान्त रस के स्थायी भाव के रूप में जाना जाता है। नष्ट होने वाले. पदार्थ और नष्ट नहीं होने वाले पदार्थ के विवेक ज्ञान से यह प्रकट होता है । यहां यह संचारी भाव के अन्तर्गत प्राप्त ...
2.4 संचारी भाव; 2.5 सात्विक भाव. 3 रस का विवरण; 4 शृंगार. 4.1 संयोग ... रस की और वस्तु या विचार का नेतृत्व करते हे उसे संचारी भाव कहते हे।
आचार्य भरतमुनि ने रस की निष्पत्ति का मुख्य सूत्र इस प्रकार दिया है - "विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः". अर्थात् विभाव (भाव उत्पन्न करने के साधन ), अनुभाव (पात्रों की चेष्टाएँ), व्यभिचारी (अनेकानेक भाव) भावों के संयोग. से रस की ...
Novbeti >

 -  - 
Axtarisha Qayit
Anarim.Az


Anarim.Az

Sayt Rehberliyi ile Elaqe

Saytdan Istifade Qaydalari

Anarim.Az 2004-2023