संयोग श्रृंगार रस का उदाहरण: एक जंगल है तेरी आंखों में . जिस में मैं खो जाता हूं.. तु किसी रेल सी गुजरती है. |
5 окт. 2024 г. · 1) संयोग श्रृंगार. जब नायक-नायिका के मिलन, आलिंगन, स्पर्श, वार्तालाप आदि का वर्णन किया जाता है, तब संयोग श्रृंगार रस होता है। उदाहरण –. बतरस लालच लाल की मुरली धरी लुकाय, |
14 нояб. 2024 г. · श्रृंगार रस: श्रृंगार रस को रसराज या रसपति कहा गया है। मुख्यत श्रृंगार रस को संयोग तथा विप्रलंभ/वियोग के नाम से दो भागों में विभाजित किया जाता है, किंतु धनंजय आदि कुछ विद्वान् विप्रलंभ के पूर्वानुराग भेद को संयोग ... |
17 февр. 2021 г. · संयोग श्रृंगार रस का उदाहरण-. सौंह करे भौंहन हंसे देन कहे नटि जाय!! थके नयन रघुपति छवि देखे। पलकन्हि हु परिहरि निमेखे।। ... Shringar Ras राम के रूप निहारति जानकी कंकन के नग की परछाहीं. |
7 окт. 2019 г. · वियोग श्रृंगार रस का उदाहरण. उधो, मन न भए दस बीस। एक हुतो सो गयौ स्याम संग, को अवराधै ईस॥ इन्द्री सिथिल भईं सबहीं माधौ बिनु जथा ... |
श्रंगार रस के प्रकार –. संयोग श्रंगार; वियोग श्रृंगार (विप्रलंभ श्रृंगार). संयोग श्रृंगार रस :- संयोगकाल में नायक और नायिका की पारस्परिक रति को संयोग श्रृंगार रस कहा जाता है इसमें संयोग का अर्थ है सुख की प्राप्ति करना। |
6 авг. 2021 г. · श्रृंगार रस-शृंगार रस का आधार स्त्री-पुरुष का सहज आकर्षण है। स्त्री-पुरुष में सहज रूप से विद्यमान रति नामक स्थायीभाव, विभाव, अनुभाव और संचारीभाव के संयोग से आनंद लेने योग्य हो जाता है, तब इसे शृंगार ... |
6 дек. 2019 г. · वियोग श्रृंगार तब होता है जब बहुत ही प्रिय वस्तु या व्यक्ति से दूरी हो जाए तब वियोग उत्पन होता है। वियोग श्रृंगार रस भी है इसे नायक नायिका के बिछड़ने के विरह का वर्णन किया जाता है। जब आत्मा को परमात्मा ... |
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