7 янв. 2021 г. · कबीर के दोहों को साखी कहा जाता है क्योंकि 'साखी' शब्द का एक अर्थ है 'प्रत्यक्ष रूप से 'अर्थात् उन्हींने समाज में जैसा देखा वैसा ही कहा। जैसे ...तलवार का महत्त्व होता है म्यान का नहीं. Explore all similar ... |
कबीर के दोहों को साखी क्यों कहा जाता है? ज्ञात कीजिए। Open in App. Solution. कबीर ने श्रोता (ईश्वर) को साक्षी मानकर अपने दोहों की रचना की इसलिए इनके दोहों को 'साखी' कहा जाता है। साखी का अर्थ है साक्षी अर्थात् गवाही। |
साखी शब्द का अर्थ क्या है ? ; Question 1 - Select One · अनुकरण करने योग्य हो · पर अनुग्रह किया गया हो · किसी के प्रति आसक्त हो · के पीछे- पीछे चलने वाला ; Question 2 - Select One · या आभूषण ; Question 3 - ... |
साखी. शब्द का अर्थ है-साक्षी, गवाह या प्रत्यक्ष रूप से, अर्थात् उन्होंने इस संसार-समाज को अपनी खुली आँखों से जैसा देखा, उसे वैसा ही ... |
4 мая 2021 г. · साखी: संस्कृत ' साक्षी , शब्द का विकृत रूप है और धर्मोपदेश के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। अधिकांश साखियाँ दोहों में लिखी गयी हैं पर उसमें सोरठे का भी प्रयोग मिलता है। कबीर की शिक्षाओं और सिद्धांतों का निरूपण अधिकतर ... |
28 апр. 2024 г. · व्याख्या – कबीर का कथन है कि जीवात्मा बड़ी व्याकुलता से परमात्मा की प्रतीक्षा में आँखें बिछाये हुए है। भगवान् की बाट जोहते-जोहते उसकी आँखों में झाइयाँ पड़ गयी हैं, पर फिर भी उसे ईश्वर के दर्शन नहीं हुए। जीवात्मा ... |
25 июл. 2020 г. · 'साखी' शब्द संस्कृत के 'साक्षी' शब्द का तद्भव रूप है।साक्षी का अर्थ होता है - गवाह। 'गवाही' के लिए संस्कृत में 'साक्ष्य' शब्द है।साक्षी वह है जिसने स्वयं अपनी आँखों से तथ्य देखा हो। |
एक विचार या दूसरे विचार या धर्म का पक्ष लेने के चक्कर में दुनिया भूल भुलैया में पड़ी रहती है। जो निष्पक्ष होकर ईश्वर की पूजा करता है वही सही ज्ञान पाता है। हिंदू मूया राम कही ... |
साखी (4) पखापखी के कारनै, सब जग रहा भुलान। निरपख होड़ के हरि भजै, सोई जंत सुजान।। संदर्भ - प्रस्तुत साखी / पद्य हमारी पाठ्यपुस्तक के 'साखियाँ एवं शब्द पाठ के 'साखियाँ ... |
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