एक सावयव का निर्माण अनेक कोशिकाओं से होता वाली एक प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया के दौरान प्राणी में कुछ. हे पर वे सम्पूर्ण सावयव में इस प्रकार घुलमिल जाते न कुछ परिवर्तन होता रहता है। प्रकृति में संघर्ष निरन्तर रूप. |
6 нояб. 2019 г. · गार्नर के शब्दों में, “सावयव सिद्धान्त एक प्राणी वैज्ञानिक धारणा है,जो राज्य को जीवधारी व्यक्ति मानता है , उसकी रचना करने वाले व्यक्तियों को जीवधारी शरीर के कोष्ठों के समान समझता है और राज्य तथा व्यक्ति के बीच ठीक ... |
13 мая 2020 г. · Sorokin ने spencer द्वारा. प्रतिपादित समाज के सावयव सिद्धान्त को अवैज्ञानिक कहा है. तथा समाजशास्त्र के विकास में इसे बाधक माना है। प्रो०. बार्कर ने इस सिद्धान्त की आलोचना करते हुये कहा है कि. |
सावयव सिद्धांत एक प्राणिवैज्ञानिक धारणा है ... राज्य को क्या. करना चाहिए। उदाहरण के लिए, स्पेंसर ने इस. सिद्धांत का ... |
गार्नर के अनुसार, “सावयव सिद्धांत एक प्राणी वैज्ञानिक धारणा है जो राज्य को जीवधारी व्यक्ति मानता है, उसका निर्माण करने वाले व्यक्तियों को जीवधारी शरीर के कोष्ठों के समान समझता है और राज्य तथा व्यक्ति के बीच ठीक उसी प्रकार के ... |
16 мая 2022 г. · दुर्खोम के अनुसार, आधुनिक समाजों में एकता का आधार श्रम-विभाजन के कारण आने वाली अन्योन्याश्रितता है। इसी एकता को दुर्खोम ने सावयवी एकता कहा है। दुर्खोम का कहना है कि जैसे-जैसे समाज की जनसंख्या का घनत्व तथा ... |
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