23 июл. 2022 г. · स्पेंसर के अनुसार संसार की प्रत्येक वस्तु; चाहे वह जैव हो या अजैव; का उद्विकास होता है| उद्विकास की यह प्रक्रिया एक रेखीय क्रम में होती है. |
वे शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण जीवन की तैयारी मानते थे तथा उसी शिक्षा को उचित मानते थे जो जीवन के लिए उपयोगी हो । हरबर्ट स्पेन्सर ने विभिन्न विषयों को उपयोगिता के आधार पर क्रमबद्ध करके विज्ञान की शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण माना इस ... |
इन पुस्तकों के. आधार पर ही वे विक्टोरिया काल के समाजशास्त्र के मसीहा बन. स्पेंसर ने प्राणिशास्त्रीय या सावयवी उद्विकासीय सिद्धांत को. समाज एक सावयव के रूप में... समाज पर लागू किया है और यह निष्कर्ष निकाला कि समाज. हैं और दोनों के ... |
13 мая 2020 г. · उन्होंने 1850 से समाज. शास्त्र के लिए अपनी प्रथम पुस्तक 'Social Status' लिरकी। 1868 के बाद Spencer एक प्रमुख सामाजिक विचारक के रूप में. विख्यात हो गये। इनकी मृत्यु 1902 ई0 में हो गयी। |
5 сент. 2020 г. · स्पष्ट है कि सामाजिक उदविकास भी जीवन संघर्ष. और अनुकूलता के कारण होता है।. Herbert Spencer द्वारा प्रतिपादित सामाजिक उद्विकास के. सिद्धान्त के उपरोक्त नियम है। S. N. Chorodhary. Marwari ... |
25 мая 2022 г. · Herbert Spencer theory of Evolution। हर्बर्ट स्पेंसर का उद्विकास का सिद्धांत। Avanish F2c sociology. |
हरबर्ट स्पेन्सर (अंग्रेज़ी: Herbert Spencer ; जन्म- 27 अप्रैल, 1820, डर्बी, इंग्लैण्ड; मृत्यु- 8 दिसम्बर, 1903) प्रसिद्ध शिक्षाविद, दार्शनिक तथा समाजशास्त्री थे। उन्होंने जीव एवं समाज के बीच समानता के आधार पर समाज ... |
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