काव्य डेस्क ... कर्ज़ा देता मित्र को, वह मूर्ख कहलाए, महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए। बिना जुर्म के पिटेगा, समझाया था तोय, पंगा लेकर पुलिस से, साबित बचा न कोय। गुरु पुलिस दोऊ खड़े, काके लागूं पाय, तभी पुलिस ने गुरु के, पांव दिए ... |
4 нояб. 2012 г. · हमें सोरठे मोहते, बढ़िया भाव बहाव । सकारात्मक डालते, रविकर हृदय प्रभाव ।। आप के दोहे सोरठे के रूप में पढ़ गया अपने डैश बोर्ड पर- देखिये तो क्या अनर्थ हो गया- हलवाहे को नार, मक्खन जैसी छोकरी | |
30 апр. 2012 г. · खर्चा यदि बचाने की, तुझे लगी है चाह। करके नैना चार तू , करले प्रेम विवाह।। ***************************** 2- मँहगाई डायन भई, बेरोजगारि चुड़ैल। पैसा को नहिं समझिए, अब हाथों का मैल। |
22 нояб. 2019 г. · हास्य रस की जब भी विद्यालय में बात होती थी तो हम सभी के चेहरे खिल उठते थे हास्य रस के कुछ उदाहरण आज भी स्मृतियों में है हास्य रस :- हास (स्थायी भाव) हंसने के लिए तैयार हो जाएँ :- * बन्दर ने कहा ... |
हास्य नौ रसों में से. एक रस है। व्यंग्य, प्रहसन, चुटकुले आदि इसके अंतर्गत आते हैं। इस चयन में हास्य-रस को केंद्र में रखकर संभव हुई कविताओं का संकलन किया गया है। हास्य कवि · वीर रस का कवि सम्मेलन · क्या हमारे पूर्वज बंदर थे? |
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