अनुच्छेद 32 का उद्देश्य मूल अधिकारों के संरक्षण हेतु गारंटी, प्रभावी, सुलभ और संक्षेप उपचारों की व्यवस्था है। इसके अंतर्गत केवल मूल अधिकारों की गारंटी दी गई है अन्य अधिकारों की नहीं, जैसे- गैर मूल संवैधानिक अधिकार, असंवैधानिक लौकिक ... |
यह अनुच्छेद, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय को अधिकारों की रक्षा करने के लिए लेख, निर्देश और आदेश जारी करने का अधिकार देता है। ... अनुच्छेद 32 के तहत, सुप्रीम कोर्ट किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं होने की स्थिति में राहत ... |
2 февр. 2024 г. · सर्टिअरारी एक रिट है जो एक उच्च न्यायालय द्वारा एक निचली अदालत को जारी किया जाता है। यह तब जारी किया जा सकता है जब उच्च न्यायालय मामले में ही किसी मामले का फैसला करना चाहता है या यदि निचली अदालत द्वारा ... |
28 мая 2024 г. · भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 में निहित संवैधानिक उपचार का अधिकार एक मौलिक अधिकार है जो व्यक्तियों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों से कानूनी उपचार प्राप्त करने का ... |
21 нояб. 2023 г. · भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत, कोई भी व्यक्ति जिसके मौलिक अधिकारों का राज्य या व्यक्ति द्वारा उल्लंघन किया जाता है, एक रिट याचिका दायर कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट का रिट ... |
17 нояб. 2020 г. · अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार): यह एक मौलिक अधिकार है, जो भारत के प्रत्येक नागरिक को संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिये सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर ... |
यह नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका का संवैधानिक जनादेश है। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पास मौलिक और अन्य अधिकारों को लागू करने के लिए कार्रवाई करने की शक्ति है। यह निवारण तंत्र अनुच्छेद 32 और 226 के ... |
5 июн. 2023 г. · अनुच्छेद 32 का खंड 3 (clause 3 of article 32) सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को प्रभावी ढंग से लागू करने का अधिकार देता है। यह अदालत को इन अधिकारों के प्रवर्तन के लिए निर्देश, आदेश या रिट ... |
8 мая 2023 г. · अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्ययालय और अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को प्रवर्त करने लिए 5 प्रकार की रिट (Writ) जारी कर सकता है। इसमें बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas ... |
मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए, कोई व्यक्ति अनुच्छेद 32, 35 और 226 में उल्लिखित संवैधानिक प्रावधानों की सहायता से सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय से संवैधानिक उपचार की मांग कर सकता है। भारतीय संविधान का भाग III संवैधानिक ... |
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